एक वृक्ष लगाओ, एक समाज को विकसित बनाओ – सद्भावना धाम की मुहिम
भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति को पूजा जाता है – पेड़ों को देवता माना गया है, नदियों को माँ और धरती को जीवनदाता। लेकिन आज, तेजी से होती शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और बढ़ती आबादी के कारण पेड़ों की संख्या दिन-ब-दिन घट रही है। यह सिर्फ पर्यावरण का संकट नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान पर भी असर डालता है। इसी को समझते हुए, सद्भावना धाम ने एक महान संकल्प लिया है – “एक वृक्ष लगाओ, एक समाज को विकसित बनाओ”।
यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। सद्भावना धाम का लक्ष्य है भारत में 150 करोड़ वृक्ष लगाना – एक ऐसा कार्य जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि पूरे समाज में जागरूकता, सहभागिता और प्रेम की भावना भी पैदा करेगा।
पेड़ क्यों ज़रूरी हैं?
पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। वे न केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके वायु को शुद्ध बनाते हैं। पेड़ वर्षा लाते हैं, ज़मीन की उर्वरता बनाए रखते हैं और पशु-पक्षियों को आश्रय देते हैं। जब कोई एक पेड़ लगता है, तो वह न केवल धरती को हरा-भरा बनाता है, बल्कि आसपास के वातावरण में भी ठंडक, ताजगी और जीवन की ऊर्जा भर देता है।
भारत जैसे देश में, जहां गर्मी के मौसम में तापमान 45 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है, पेड़ों की छांव अमूल्य होती है। ग्रामीण इलाकों में तो पेड़ समाजिक जुड़ाव के केंद्र भी होते हैं – जहां लोग बैठते हैं, बातें करते हैं, ताश खेलते हैं और मिल-जुलकर त्योहार मनाते हैं। यानी, एक पेड़ केवल ऑक्सीजन नहीं देता, वह लोगों को जोड़ता है, रिश्तों को मजबूत करता है।
सद्भावना धाम की पहल – हर नागरिक का योगदान
सद्भावना धाम का सपना है भारत में 150 करोड़ पेड़ लगाना – यह लक्ष्य बड़ा जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। अगर हर नागरिक, हर गांव, हर शहर, हर संस्था और हर परिवार इस मुहिम का हिस्सा बने, तो यह सपना जल्द ही हकीकत बन सकता है।
इस अभियान का नाम है – “Sadbhavna was take a breath: A 150 Crore Tree Plantation to India”। इसका संदेश साफ है – यदि भारत को सांस लेनी है, तो हमें उसे फिर से हरा-भरा बनाना होगा।
यह कार्य अकेले सरकार या किसी एक संगठन का नहीं है। यह हम सभी का है। कोई एक वृक्ष लगाकर शुरू कर सकता है, कोई दस लगा सकता है, कोई पूरे मोहल्ले में पौधारोपण करा सकता है। जब हम मिलकर चलेंगे, तभी यह आंदोलन सफल होगा।
स्कूलों, कॉलेजों, मंदिरों, गुरुद्वारों, मस्जिदों, चर्चों, पंचायत भवनों, पार्कों, सरकारी दफ्तरों और निजी कंपनियों – सभी जगह पौधारोपण को बढ़ावा देना होगा। हर साल, हर मौसम में – लगातार पेड़ लगाना और उनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी बनानी होगी।
पेड़ लगाना सिर्फ CSR नहीं – सामाजिक उत्तरदायित्व है
अक्सर बड़ी कंपनियां अपने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत पेड़ लगाती हैं, लेकिन यह काम केवल “रिपोर्ट” में tick करने भर के लिए नहीं होना चाहिए। पेड़ लगाना असली सामाजिक जिम्मेदारी है – जैसे बच्चों की शिक्षा, बुजुर्गों की सेवा, वैसे ही पेड़ों की रक्षा।
हर planted tree को जब तक वह बड़ा न हो जाए, तब तक देखभाल की ज़रूरत होती है। पानी देना, आसपास से घास काटना, जानवरों से बचाव के लिए तार लगाना – यह सभी चीजें जरूरी हैं। सद्भावना धाम इस बात को अच्छी तरह समझता है, और इसलिए वृक्षारोपण के साथ-साथ संरक्षण पर भी जोर देता है।
एक पेड़ – कई फायदे
एक पेड़ कई तरह से समाज को समृद्ध करता है:
भारत को फिर से हरा-भरा बनाना
भारत में कभी विशाल जंगल हुआ करते थे – सुंदरवन से लेकर अरावली तक, पश्चिमी घाट से लेकर हिमालय की तलहटी तक। आज भी हमारे पास कई जंगल बचे हैं, लेकिन उन्हें संरक्षित करने और नए पेड़ उगाने की ज़रूरत है। खासकर शहरी इलाकों में, जहां हर रोज़ कंक्रीट की इमारतें पेड़ों की जगह ले रही हैं।
Sadbhavna Dham की यह पहल tree plantation के माध्यम से न केवल भारत को फिर से हराभरा बनाने का प्रयास कर रही है, बल्कि लोगों को पेड़ों से फिर से जोड़ने की प्रेरणा भी दे रही है।
हमारा संकल्प – मेरा पेड़, मेरा धर्म
अगर हर व्यक्ति यह मान ले कि एक पेड़ लगाना उसका धर्म है, तो बहुत कुछ बदला जा सकता है। जैसे हम अपने धर्म के स्थानों को साफ-सुथरा और पवित्र रखते हैं, वैसे ही अगर हर planted tree को उस श्रद्धा से सींचा जाए, तो वह वृक्ष भी समाज को उसी तरह फल देगा।
सद्भावना धाम की योजना है कि tree grow और tree plantation को एक सामाजिक आंदोलन में बदला जाए, जिससे गांव-गांव और शहर-शहर में वृक्ष लगाना गर्व की बात मानी जाए।
कैसे जुड़े इस अभियान से?
यदि आप भी Sadbhavna Dham की इस मुहिम से जुड़ना चाहते हैं, तो आप:
हर कदम मायने रखता है
कोई भी कार्य छोटा नहीं होता। आप एक पौधा भी लगाएं, तो वह एक जीवन बनेगा। एक छाया बनेगा। एक प्रेरणा बनेगा। और यदि आप दूसरों को प्रेरित करते हैं, तो यह प्रेरणा कई गुना बढ़ सकती है।
यही है सद्भावना धाम की सोच – “एक वृक्ष लगाओ, एक समाज को विकसित बनाओ”।
यह सिर्फ पर्यावरण की रक्षा नहीं है, यह एक संस्कार है – जो आने वाली पीढ़ियों को एक हरा-भरा भारत सौंपने का वादा करता है।
आइए, एक कदम बढ़ाएं – अपने बच्चों के लिए, अपने देश के लिए, और अपने पर्यावरण के लिए।
एक वृक्ष लगाइए – और उस वृक्ष से एक समाज, एक संस्कृति और एक भविष्य उगाइए।